प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन, उत्तम संयोग में होगी पूजा
प्रदोष व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक मास की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं। सोमवार के दिन प्रदोष व्रत करने से संतान रत्न की प्राप्ति होती है।
साल के अंतिम महीने और हिंदू कैलेंडर के 10 वें महीने पौष में प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का व्रत व पूजन एक ही दिन किया जाएगा. पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि और मासिक शिवरात्रि हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होती है. प्रदोष व्रत और शिवरात्रि दोनों ही भगवान शिवजी को समर्पित है. इस बार दिसंबर 2022 में पौष माह में कुछ विशेष संयोग बन रहे हैं जिससे कि प्रदोष व्रत और शिवरात्रि एक ही तिथि को मनाई जाएगी. जानते हैं प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि की तिथि,संयोग और पूजा मुहूर्त के बारे में.
प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि दोनों पर्व बुधवार 21 दिसंबर 2022 को मनाया जाएगा.
पौष कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 21 दिसंबर रात्रि 12:45 से
पौष कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्ति- 21 दिसंबर रात्रि 10:16 पर
पौष कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि प्रारंभ- 21 दिसंबर रात्रि 10:16 से
पौष कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि समाप्ति- 22 दिसंबर संध्या 07:13 तक
ऐसे में उदयातिथि के अनुसार प्रदोष व्रत और निशिता मुहूर्त के अनुसार मासिक शिवरात्रि दोनों पर्व 21 दिसंबर को मान्य होगा.
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